उत्तर प्रदेश

बिजली विभाग शुरू की ओटीएस योजना: बिजली चोरी पर लगने वाले जुर्माने में 65 प्रतिशत तक की छूट; रकम का भुगतान तीन किस्तों में किया जा सकेगा

उत्तर प्रदेश सरकार, दीवाली से पहले, बिजली चोरी के आरोप में पकड़े गए लोगों के लिए एक राहत भरा फैसला किया है। सरकार ने इन व्यक्तियों को एक नया अवसर देते हुए उनके बिजली बिलों पर लगे ब्याज और जुर्माने में 65% की छूट की घोषणा की है।

इसके अनुसार, ऐसे उपभोक्ता केवल 35% जुर्माना अदा करके कानूनी मामलों से मुक्त हो सकते हैं। यह कदम न सिर्फ उन्हें सम्मान के साथ जीने का मौका देता है, बल्कि यह उन्हें प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में योगदान करने का अवसर भी प्रदान करता है।

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग के समक्ष एक जनहित प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस प्रस्ताव में यह आपत्ति जताई गई है कि बिजली चोरी के मामलों में लगाए गए जुर्माने पर 65% तक की छूट देने की योजना का बोझ उत्तर प्रदेश के तीन करोड़ 35 लाख विद्युत उपभोक्ताओं पर पड़ेगा।

इस प्रस्ताव में यह मांग की गई है कि इस योजना के कारण आने वाला वित्तीय भार उपभोक्ताओं पर न डाला जाए और इसे टैरिफ में न जोड़ा जाए।

उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी के मामले

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष, अवधेश कुमार वर्मा ने हाल ही में उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग के समक्ष एक जनहित प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव में उन्होंने बताया कि पिछले छह वर्षों में उत्तर प्रदेश में 8.80 लाख 567 विद्युत उपभोक्ताओं के खिलाफ बिजली चोरी के मामले दर्ज किए गए हैं।

इनमें से 8 लाख 6 हजार 658 मामलों में आपराधिक प्रक्रिया (एफआईआर) दर्ज की गई है, जिससे 5226 करोड़ रुपये का राजस्व प्रभावित हुआ है। वर्मा ने यह भी बताया कि बिजली चोरी के कारण प्रतिदिन औसतन 1683 मेगावाट बिजली की चोरी हो रही है, जिसकी रोकथाम से गर्मियों के दौरान बिजली की कटौती में कमी लाई जा सकती है।

ऊर्जा मंत्री ने की ऑफर के प्रचार की अपील

उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री, एके शर्मा ने बुधवार को लखनऊ के कैंट उपकेंद्र में पावर कॉर्पोरेशन की ‘एकमुश्त समाधान योजना’ (OTS) का आरंभ किया। इस अवसर पर, मंत्री ने एक महिला को ब्याज माफी का लाभ प्रदान करते हुए उनके बिजली के बिल को सौंपा, जो उस उपकेंद्र पर इस योजना के तहत पहली रजिस्ट्रेशन कराने वाली थी।

इसके साथ ही, ऊर्जा मंत्री ने विभागीय इंजीनियरों और कर्मचारियों को निर्देश दिया कि वे उन लोगों को इस योजना के बारे में अवगत कराएं जिनके घरों या दुकानों में बिजली चोरी पकड़ी गई है और जिन पर जुर्माना बाकी है, ताकि वे इस योजना के तहत दी जाने वाली छूट का लाभ उठा सकें।

तहसील-पुलिस का वसूली नोटिस वापस हो जाएगा, बदनामी का टैग हटेगा

बिजली विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, उन उपभोक्ताओं पर जिन पर बिजली चोरी का जुर्माना लंबे समय से बाकी है, उनके खिलाफ वसूली की प्रक्रिया तहसील द्वारा संचालित की जा रही है।

ऐसे बकायेदार जिन्हें तहसील से रिकवरी नोटिस प्राप्त हुआ है, उन्हें इस नई योजना के तहत एक राहत मिलेगी। जो लोग इस ऑफर का लाभ उठाएंगे, उनके खिलाफ जारी किए गए सरकारी नोटिस वापस ले लिए जाएंगे।

इस ऑफर के अनुसार, बिजली चोरी के जुर्माने में छूट पाने के लिए जैसे ही उपभोक्ता रजिस्ट्रेशन कराएंगे, न केवल तहसील की रिकवरी नोटिस बल्कि पुलिस विभाग द्वारा जारी कोई भी नोटिस वापस ले लिया जाएगा। इस योजना के तहत, आवेदक को पंजीकरण के समय जुर्माने की 10 प्रतिशत राशि और बाद में 25 प्रतिशत रकम जमा करनी होगी।

प्रतिदिन लगभग 407 बिजली चोरी के मामले

उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन लगभग 407 बिजली चोरी के मामले सामने आते हैं, जिनमें से हर दिन करीब 373 मामलों में आपराधिक प्रक्रिया के तहत एफआईआर दर्ज की जाती है।

यदि बिजली चोरी के कुल भार की गणना की जाए, तो यह पाया जाता है कि प्रतिदिन लगभग 1,683 मेगावाट बिजली चोरी हो रही है। इस संदर्भ में, यह बताया गया है कि जुर्माने को माफ करने से बिजली चोरी को किसी भी परिस्थिति में बढ़ावा नहीं मिलना चाहिए।

नोट कर लें ये बात तभी मिलेगा फायदा

उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी के मामलों में छूट का लाभ उठाने के लिए उपभोक्ताओं को 30 नवंबर तक अपने स्थानीय उपकेंद्र पर पंजीकरण कराना होगा और 35 प्रतिशत रकम का भुगतान करना अनिवार्य है। प्रदेश भर में लगभग 6 लाख उपभोक्ताओं को बिजली चोरी करते हुए पकड़ा गया है, जिनमें से कई को तो चोरी करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था।

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