लोनी के लोगों ने पीएम और सीएम को पत्र भेजकर सिग्नेचर सिटी से मोहन नगर तक मेट्रो चलाने की दरकार की
लोनी दिल्ली और गाजियाबाद के बॉर्डर पर स्तिथ हैं। लोनी के ज्यादातर लोग रोजगार के लिए या तो गाजियाबाद जाते है या फिर दिल्ली जाते हैं। लोनी में भी सिग्नेचर सिटी ( ट्रॉनिका सिटी ) एक इंडस्ट्री एरिया हैं। जिसकी मदद से लोनी और लोनी से जुड़े हुए आसपास के दूसरे क्षेत्रों को काफी रोजगार मिलता हैं।
लोनी दिल्ली और गाजियाबद के नजदीक होने के बावजूद भी काफी दूर लगता हैं क्योंकि यहाँ पर सड़कों का हाल सही नहीं हैं। रोडों पर जाम की समस्या रहती हैं। परिवहन की सुविधा सही नहीं हैं।
जिसके कारण दिल्ली और गाजियाबाद में जॉब के लिए जाने वाले लोगों को आने जाने में काफी परेशानी होती हैं।
इसी समस्या को देखते हुए लोनी के लोगों ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शिव विहार दिल्ली मेट्रो को सिग्नेचर सिटी यानि की ट्रॉनिक सिटी मंडोला विहार और आवास विकास होते हुए मोहन नगर तक बढ़ाने की मांग की हैं।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में बताया गया है कि लोनी दिल्ली-एनसीआर का एक बहुत पिछड़ा और प्रदूषित शहर माना जाता हैं। यहाँ पर सार्वजनिक यातायात के लिए केवल ऑटो ही उपलब्ध हैं।
लोनी में, शिव विहार दिल्ली मेट्रो स्टेशन से करीब 8 किमी दूर सिग्नेचर सिटी और मंडोला विहार आवासीय योजना है।
उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद द्वारा बनाई गई मंडोला विहार योजना में कुल 9068 आवासीय फ्लैट्स हैं, पर सार्वजनिक परिवहन की कमी के कारण अब तक सिर्फ 4839 फ्लैट्स ही बिक पाए हैं।
ट्रांस दिल्ली सिग्नेचर सिटी में 12 आवास क्षेत्र और 18 औद्योगिक क्षेत्र हैं। लेकिन यहां से दिल्ली और गाजियाबाद तक डायरेक्ट सरकारी परिवहन की सुविधा उपलब्ध नहीं है।
मंडोला विहार से मोहन नगर मेट्रो स्टेशन तक की दूरी लगभग 28 किमी है।
लोगों दिल्ली और गाजियाबद आने जाने में ज्यादा परेशानी न हो इसलिए लोनी के लोग सिग्नेचर सिटी, मंडोला विहार, टीला मोड़, हिंडन एयरपोर्ट से मोहन नगर मेट्रो तक का विस्तार करवाना चाहते हैं।
लोनी के लोगों ने पीएम और सीएम को पत्र भेजकर सिग्नेचर सिटी से मोहन नगर तक मेट्रो चलाने की दरकार की शिव विहार से मंडोला विहार तक मेट्रो बढ़ाने के लिए डीएमआरसी (दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन) ने पहले हामी भरी थी, लेकिन जनप्रतिनिधियों ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई। इस वजह से लोगों को मेट्रो का फायदा नहीं मिल पाया।
पत्र में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से इस मुद्दे पर जल्द कार्रवाई करने की मजबूत अपील की गई है।